नागपुर – राष्ट्रीय चारित्र्य का संवर्धन करना यही संघ का कार्य है जो निरंतर चल रहा है | केवल व्यक्तिगत शीलवान व्यक्ति निर्माण करनेसे काम नहीं होगा देश का सामुदायिक चारित्र्य अधिकाधिक शुद्ध बने यह भाव बढे यह संघ का कार्य है ,” यह भावोद्गार थे डॉ. मोहनजी भागवत के | रा. स्व. संघ के संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष समापन समारोह मे वो बोल रहे थे |
गत 25 दिनो से देशभर से आये 828 स्वयंसेवकों ने संघ शिक्षा वर्ग मे हिस्सा लिया | देशभर के 44 प्रान्तो से, 482 जिल्हो से, वर्ग में शिक्षण लेने हेतु डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, किसान, उद्योगपती, कॉलेज छात्र थे जो समाज के हर वर्ग से उपस्थित रहे | मंच पर प्रान्त संघचालक श्री. राम हरकरे, नागपूर महानगर संघचालक राजेश लोया, वर्ग के सर्वाधिकारी तथा अ. भा. संपर्क प्रमुख श्री. अनिरुद्ध जी देशपांडे उपस्थित थे | ध्वजारोहण के बाद स्वयंसेवकों ने दंड, नियुद्ध योगासन आदि शाररिक कार्यक्रम का सुन्दर प्रात्यक्षिक किया | कार्यक्रम में देशभर से कुछ विशेष अतिथी गण भी उपस्थित थे उनमे ,त्रिपुरा से जनजातीय क्षेत्र मे अपने 25 आश्रमों के माध्यम से समाज सेवा करनेवाले पु. चितरंजन जी महाराज ,बंगलोर से श्री. गोपालकृष्णजी, डॉ. कृष्णास्वामी जी कोइम्बतुर से ,जालंधर से रमेश जी ,गोवा से श्रीनिवास जी ढेम्पो, प्रख्यात अधिवक्ता मोनिका अरोड़ाजी उपस्थित रहे |
डॉ. भागवत ने अपने उद्बोधन मे, 2014 के समापन समारोह के समय भी एक दिन पूर्व छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक याने हिन्दू साम्राज्य दिन उत्सव मनाया गया था, इस वर्ष के चुनाव, संघ शिक्षा वर्ष का समापन तथा हिन्दू साम्राज्य दिन का संयोग की उन्होंने चर्चा की | उन्होंने कहा, “लोकतांत्रिक देश मे चुनाव होते है, उसमे सत्ता संघर्ष है, कोई हारता है तो कोई जीतता है लेकिन चुनाव ख़त्म होने के बाद भी रक्तरंजित संघर्ष क्यों हो रहा है ? बंगाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की शांति और सदभाव का वातावरण बनाने की जिम्मेदारी वहा शासन प्रशासन की है, जो नाकामयाब होते दिख रहे है | जनता की भावनाओ को आदर शासक को करना चहिये |
चुनाव मे जनताने बड़ी सुझबुझ का परिचय देते हुए अखंडित, विकास, पारदर्शिता के तरफ अपना मतदान किया | इस चुनाव मे ये बात स्पष्ट हो गयी की जनता अधिकाधिक व्यावहारिक दृढ़ता के साथ एक स्पष्ट जनादेश दे गयी, और जनता को बहला फुसलाकर ठगना अब मुमकिन नहीं यह बड़ा सन्देश राजनैतिक पार्टियों को गया | जनता ने सत्ता पक्ष को अधिक ताकतवर बनाया| अब सत्ता पक्ष का दायित्व और बढ़ा है, लोगो की अपेक्षाओं को पुरा करने की जिम्मेदारी अब बढ़ गयी है | शत प्रतिशत मतदान करे यह प्रयास संघ द्वारा किया गया, पुरा तो नहीं पर सफल रहा |
उन्होंने बढ़ते विकसित भारत के बारे मे कुछ सावधानी बरतने की बात कही ,“ हिन्दू शक्ति बढ़ रही है, भारत ताकतवर बन रहा है इसलिए दुनियाभर मे भारत का नाम आदरपूर्वक लिया जा रहा है | भारत ताकतवर बने यह दुनिया के कुछ देशोको खट्कनेवाली बात है, क्योकि उनकी स्वार्थ की दुकाने बंद होनेवाली है | अब ये लोग हमारे भीतर के कुछ शरारती देश विघातक लोगो से मिलकर हमें कमजोर करनेकी कोशिश करेंगे | फूट डालने के प्रयास होंगे, हमें उनसे सावधान रहना होगा | भक्त प्रल्हाद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, हिरण्यकश्यप के विनाश के बाद भगवान् विष्णु ने सत्ता अपने प्रिय भक्त प्रल्हाद को सोपी तो स्वर्गाधिपति इंद्र बेचैन हुए | अपनी सत्ता बचाने के लिए प्रल्हाद के पास धोके से दान मांगने गये, और उसमे सत्ता का दान नहीं अपितु प्रल्हाद के शील का दान मांगते है, राजा प्रल्हाद के अनुमति मिलते ही उनके शरीर से शील, तेज, बल और अंत मे माता लक्ष्मी भी प्रल्हाद को छोड़ कर चली जाती है | अत: ये सब जाते ही राजा प्रल्हाद दुर्बलता से ग्रसित हो कर उसका राजपाठ समाप्त हो जाता है | इसलिए वैयक्तिक शील के साथ राष्ट्रीय चारित्र्य का भी संवर्धन हो ऐसा प्रयास संघ के साथ सभी को करना चाहिये | संघ के इस पवित्र कार्य मे सहभागी बने |”
लगभग दो घंटे चले इस कार्यक्रम पर वरुण देवता की कृपा दृष्टी रही | बड़े ही शिस्तबद्ध चले तथा सुन्दर प्रात्यक्षिक कार्यक्रम को देखने भारी संख्या मे नागपुर तथा विदर्भसे भी लोगों की उपस्थिति रही |
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