VHP Press Release by Dr.Pravin Togadia



गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष
डा0 प्रवीणभाई तोगडि़या जी का प्रेस वक्तव्य

            गोपाष्टमी गौ उत्सव में गौ बेंक , जी बी कनेक्ट- आर्थिक समृद्धि आदि योजनाएं आरम्भ ! 

गौ माता हमारी कृषि, आरोग्य, सौंदर्य और धर्म का आधार - 

१) गोग्रास -गो भोजनालय अभियान -गाय भूखी नहीं रहेंगी, गाय गंदा खायेगी नहीं

२) जीबी कनेक्ट योजना -ज्यादा कमाईऐ, सन्मानसे - पञ्च गव्य उत्पादनसे लाखो परिवारोंको स्वावलम्बी बनानेकी योजना 

३) गो बेंक -आर्थिक सहयोग योजना
डॉ तोगड़िया 

कर्णावती / वड़ोदरा / राजकोट, १ ० नवम्बर , २ ० १ ३ 

गोपाष्टमी निमित्त गुजरात विश्व हिन्दू परिषद् - गौ रक्षा विभाग द्वारा आयोजित गौ उत्सव के अनेक कार्यक्रम कर्णावती (अहमदाबाद ), वड़ोदरा, राजकोट और अन्य १ २ ० स्थानों पर संपन्न हुए। गौ बेंक का,  महिलाओं के लिए 'सन्मान के साथ अधिक कमाओ' याने 'जी बी कनेक्ट ' का और गौ सेवक आदि योजनाओं का अनावरण करते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के आंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया जी ने कहा, "गौ माता हमारी कृषि, आरोग्य, सौंदर्य, आर्थिक समृद्धि और धर्म का आधार है। प्राकृतिक खाद से जमीन की  मिटटी अनेक वर्षों तक उपजाऊ रहती है। आरोग्य के लिए

देसी गौमाता का दूध, दही और घी सर्वोत्तम माना गया है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ने देसी गाय के पंचगव्य  के गुणधर्म मान लिए हैं। जैसे नवजात  बच्चे के लिए अपनी माता का दूध वैसे ही बड़ों के लिए गाय का दूध, दही, घी आदि। पंचगव्य से बने सुन्दर, सुगन्धित और औषधीय साबुन, शेम्पू, बाम, फेस वाश आदि तो सौंदर्य और आरोग्य दोनों साथ साथ देते हैं। गौ ब्रांड्स के कारण जीवन आरोग्यपूर्ण होता है। इसी के साथ इन उत्पादनों को अपने अपने परिचितों में बेचकर महिलायें, कॉलेज के युवा, निवृत्त व्यक्ति सन्मान के साथ अधिक कमाई कर सकते हैं और गौसेवा भी ! 'जी बी कनेक्ट ' यह योजना घरो घरों में सन्मान के साथ समृद्धि लाने के लिए और गौमाता को बचाने के लिए  हैं।" 

डॉ तोगड़िया ने 'गौ बेंक ' का भी अनावरण किया। सुन्दर श्वेत रंग की छोटी सी गाय की प्रतिकृति बचत के लिए बनायी गयी है, जो घरो घरों में दी गयी और उपलब्ध रहेगी। डॉ तोगड़िया ने कहा, "गौ बेंक आप के लिए और बच्चों के लिए बचत की आदत तो सिखाएगी ही; साथ साथ हर दिन कम से कम १ रूपया गौ बेंक में डालकर महीने के अंत में उसमें से १ हिस्सा गोग्रास के लिए दे सकते हैं, १ हिस्से से गौ ब्रांड्स के उत्पादन खरीदकर अपनी सेहत बना सकते हैं और बचा हुआ १ हिस्सा वर्ष के अंत में बड़ा होगा उससे गोदान भी कर सकते हैं या अपने परिवार के लिए छोटी मोटी खरीदारी भी ! गोग्रास याने बस १ रोटी और कटे हुए हरी सब्ज़ी के पत्ते  हर दिन निकालकर अपने हाथ से गाय को खिलाएं। गोग्रास रथ भी आएगा, उनमें भी दे सकते हैं।"

'गौ भोजनालय' इस अभिनव योजना का भी संकल्प डॉ तोगड़िया जी ने करवाया। उन्होंने कहा, "अनेक गायें रस्ते पर भूखी प्यासी धूप में भटकती  हैं, मिलेगा वह कूड़ा गंदा खाती हैं। हर व्यक्ति अगर हर दिन गोग्रास निकालेगा और स्वयं जाकर गाय को नहीं खिला सकता तो गौ भोजनालयों में देगा तो वहाँ आकर गायें अच्छा खाना खायेगी, साफ़ जल पियेगी। उन्हें गंदा कूड़ा नहीं खाना होगा। विश्व
हिन्दू परिषद् - गोरक्षा विभाग समाज के सहयोग से ऐसे 'गौ भोजनालय' जगह जगह पर बनवा रही हैं। जो गायें दूध नहीं देती, उनका भी खाना और चारे का खर्च किसान पर नहीं आएगा - गायें क़त्ल से भी बचेगी। इस के लिए गौ सेवक बनाने के भी फॉर्म्स अनेक लोगोने गौ उत्सव में भरे हैं। हम सभी मिलकर गौमाता का सम्मान और स्थान कायम रखें, पुण्य भी कमाएँ और देश को स्वावलम्बी होने में सहयोग करें। विकास का मार्ग भारत में हमारी कृषि, संस्कृति, आरोग्य और धर्म से ही है और उन का आधार गौ माता, हमारी परिवार प्रणाली और हिन्दू धर्म हैं।"

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