दिनांक 04 सितम्बर, 2013
84 कोसी पद यात्रा
पे्रस-विज्ञप्ति
अयोध्या, 4 सितम्बर। 84 कोसी पद यात्रा बुद्धवार को रूदौली से चलकर पटरंगा के लिए निकली। जिसमें एक जत्थे को रूदौली के भेलसर में सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा। गिरफ्तार हुये सन्तों में महाराष्ट्र के वारकरी सम्प्रदाय के सन्त स्वामी गम्भरे जी महाराज, विट्ठल जी महाराज, तुनतुने जी महाराज, पेनोरो जी महाराज, सापोरे जी महाराज, स्वामी एकनाथ जी महाराज, घनश्याम जी महाराज तथा अयोध्या के महंत त्रिभुवनदास, महंत रामेश्वरदायाल व गोरखपुर के महंत रामउग्रदास शामिल है। दूसरा जत्था अपने निश्चित पड़ाव की ओर बढ़ गया जिसे सुरक्षाकर्मी नहीं पकड़ सके।
3 सितम्बर को अमरगंज से चली यात्रा अमानीगंज पहुँची थी, जिसमें गोरक्ष प्रान्त के सन्त सम्मिलित थे। इन सन्तों की गिरफ्तारी के बाद बुद्धवार को प्रान्तः अपने गंतव्य की ओर सन्त चल पड़े जिन्हें रूदौली नहर पर पकड़ा गया। इसके अलावा कुछ स्थानों पर लगभग 50 से अधिक कार्यकर्ताओं की भी गिरफ्तारी हुई।
गिरफ्तार किये गये सन्त स्वामी गम्भरे जी महाराज ने कहा राम की निष्ठा हमारे हृदय में है और रहेगी। श्रीराम की मुक्ति के लिए अब संघर्ष ही एक मार्ग है। देश चुनौती के दौर से गुजर रहा है। सुलह और समझौता से बात बनने वाली नहीं, संसद में कानून बनना चाहिए। उन्होंने कहा मौन रहने से बाधाएं बनी रहेगी, मौन तोड़कर बाधा तोड़ना ही होगा। पद यात्रा शान्त पड़े समाज को जागृत करने का माध्यम है।
अयोध्या के सन्त महंत त्रिभुवनदास ने कहा 70 एकड़ प्राप्त करने के लिए पद यात्रा निकली है। अयोध्या धार्मिक चेतना का केन्द्र है इस नगर में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण राष्ट्र में बाबर के नाम मस्जिद का निर्माण कभी नहीं होने दिया जायेगा और लाखों लोगों के द्वारा दिये गये बलिदान तथा रामभक्तों को कैसे स्वीकार होगा। 84 कोसी पद यात्रा के बाद एक बार पुनः सम्पूर्ण भारत में सन्त निकले और संसद पर दबाव बनाये। यह धार्मिक आन्दोलन श्रीराम को भव्य मंदिर आसिन करने के साथ धार्मिक पुनर्रूद्धार के लिए है।
5 सितम्बर (वृहस्पतिवार) को सन्तों की पद यात्रा दक्षिण गुजरात, देवगिरि प्रान्त के सन्तों के साथ निकलेगी। यात्रा रूदौली के पटरंगा होते हुये, बाराबंकी के टिकैत नगर पहुँचेगी।
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