Sri Mohan Bhagawat, RSS Sarsanghachalak addressed the gathering in 'Hindu Sangamam' organized as a part of commemorating 150th Birth Year of Swami Vivekananda at Bodala, near Raipur on February 10, 2013.
रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
के सरसंघचालक ने
बोड़ला में विषाल
हिन्दु संगम को
संबोधित किया, सम्मेलन में
लाखों आदिवासियों ने
षिरकत की
Sri Mohan Bhagawat addressing the gathering
बोड़ला,
कवर्धा. रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
के सरसंघचालक श्री
मोहन भागवत ने
आज यहां विषाल
हिन्दु संगम को
संबोधित करते हुए कहा
कि हिन्दु अपना
बचाव तो करता
है लेकिन दूसरों
पर कभी आक्रमण
नहीं किया. हिन्दू
आतंकवादी नहीं है और
जो इसे नहीं
मानते हैं, वे
हिन्दु संस्कृति को
नहीं समझते.
कवर्धा
से 17 किलोमीटर दूर
आयोजित विषाल हिन्दु
संगम में दूरदराज से
आये लगभग एक
लाख आदिवासी समाज
को संबोधित करते
हुए श्री भागवत
ने इसाई मिषनरियों पर
निषाना साधा और
कहा कि हमारी
सेवा करने के
लिये किसी को
बाहर से आने
की जरूरत नहीं
लेकिन जो लोग
मतांतरित हो रहे हैं
या हो चुके
हैं, उन्हें वापस
हिन्दु धर्म में
लाना हिन्दु समाज
की जिम्मेदारी है,
उनका ध्यान रखना
है. श्री भागवत
ने स्वामी विवेकानंद के
संदेष का जिक्र
करते हुए कहा
कि हिन्दुओं को
अपना आत्मविष्वास नहीं
टूटने देना चाहिये.
सब में राम
हैं., यह सोचकर
भेद नहीं करना
चाहिये.
उन्होंने कहा
कि भगवान ने
भी असत्य के
खिलफ लड़ने के
लिये आदिवासियों का
साथ लिया इसलिए
सभी समस्याओं से
लडने के लिये
हम सभी को
एक होना है.
उन्होंने कहा कि स्वामी
विवेकानंद ने देष और
दुनिया के उत्थान
और उसे सुखी
बनाने का रास्ता
दिखाया लेकिन आज
देष में कई
तरह की समस्यायें हैं
जिनमें जात और
धर्म का भेदभाव
प्रमुख है. खुद
पर विष्वास रख्कर,,
एक रहकर इनका
मुकाबला करना है, उनसे
डरना नहंी है.
श्री भागवत ने
कहा कि सारी
दुनिया को हिन्दु
ने ही ज्ञान
दिया. भाषा, खान-पान, जात-पात
होने के बावजूद
हम एक-दूसरे
के भाई हैं.
हिन्दु वह है
जो किसी भय
को नहीं मानता,
किसी का अपकार
नहीं करता, हिंसा
पर विष्वास नहीं
करता. वह अपना
बचाव तो करता
है लेकिन दूसरों
पर आक्रमण नहीं.
हिन्दू आतंकवादी नहीं
है जो ऐसा
नही मानते वे
हिन्दु संस्कृति को
नहीं जानते.
बताते
चलें कि रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
इस साल स्वामी
विवेकानंद की 150वींजयंती के
तहत सार्धषती समारोह
का आयोजन कर
रहा है. इसी
के तहत यह
हिन्दु संगम आयोजित
किया गया जिसमें
मध्यप्रदेष और छत्तीसगढ से
लगे सीमावर्ती इलाकों
के लाखों आदिवासियों ने
हिस्सा लिया.
कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि रहे
मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह
ने छत्तीसगढ़ी में
उदबोधन दिया और
कहा कि छत्तीसगढ़ की
धरती विषेषकार बोड़ला
में आयोजित यह
आयोजन हिन्दु समाज
के लिये प्रेरक
का काम करेगा.
उन्होंने बोडला की हजारों
साल प्राचीन भारतीय
संस्कृति की धार्मिक और
सांस्कृतिक विरासत को याद
किया. उन्हांेने कहा
कि नौ साल
तक सत्ता में
रहकर लोगों की
सेवा में ही
लगे रहे. विषेषकर आदिवासियों की
सेवा और विकास
के लिये काम
किया है, उनका
हर तरह का
विकास किया, आत्मसम्मान बढ़ाया
है. कार्यक्रम का
संयोजन प्रांत प्रचारक श्री
दीपक विस्पुते ने
किया.
समारोह
स्थल में प्रांत
संघचालक बिसराराम यादव, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल
कौषिक, प्रदेष भाजपा
अध्यक्ष रामसेवक पैकरा, उच्च षिक्षा
मंत्री श्री हेमचंद
यादव, नगरीय निकाय
मंत्री श्री राजेष
मूणत, लोक निर्माण मंत्री
श्री बृजमोहन अग्रवाल, लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री केदार कष्यप
तथा विभिन्न समाजों
के समाज प्रमुख
उास्थित थे. आभार प्रदर्षन विष्वेष्वर पटेल
ने किया.
प्रो. रामचरण पांडव
छत्तीसगढ़ विश्व संवाद केंद्र
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